अगर तुम्हे भी भुला दूं तो फिर प्यार किससे करूं। तिरा हुस्न कुछ नहीं था मिरी शाइरी से पहले दोस्ती ख़्वाब है और ख़्वाब की ता'बीर भी है किसी को आशिकी तो किसी को शायरी नसीब होती है। झूट बोला है तो क़ाएम भी रहो उस पर 'ज़फ़र' आदमी को https://hindishayri.godaddysites.com/f/shayari-in-hindi---%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%80-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%B0%E0%A5%80