तन्हाई के पलों में, मैं अपने आप से बातें करता हूँ, तन्हाई में बैठकर दर्द को अपनी क़लम से लिखता हूँ, हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है। यह भी पढ़ें : गर्मियों की छुट्टियों पर शायरी, जो बच्चों को छुट्टियों का आनंद लेना सिखाएंगी आख़िर चांद भी https://youtu.be/Lug0ffByUck