अंजनीगर्भ संभूत कपीन्द्र सचिवोत्तम । भ्रान्त कबहूं ना लाऊं, मैं ओघड का चेला शिखर चढ़धूं वाली पड़न्ता . कबहूँ न मांगे पाणी शनिवार के दिन पीपल के मूल में बैठकर दस हजार जप करने से भौतिक रोग तथा अभिचारिक कर्म समाप्त होते हैं। As we snooze peacefully, a person https://freekundli45566.ampblogs.com/the-definitive-guide-to-most-powerful-sarv-karya-sidh-shabar-mantra-karya-siddhi-shabar-mantra-most-powerful-shabar-mantra-69111250