हमें देख शीतल हो जाए सत्य नाम आदेश गुरु की सत गुरु सैट कबीर काला कलुवा चौंसठ वीर ताल भागी तोर जहां को भेजूं वहीं को जाये मांस मज्जा को शब्द बन जाये अपना मारा, आप दिखावे चलत बाण मारूं उलट मूंठ मारूं मार मार कलुवा तेरी आस चार चौमुखा https://spencersqsqr.dreamyblogs.com/36078346/examine-this-report-on-वश-करण-म-त-र-क-स-च-ह-ए